डॉ. होमी जहाँगीर भाभा पर निबंध एवं उनकी जीवनी

डॉ. होमी जहाँगीर भाभा पर निबंध के अंतर्गत जानिए About Dr Homi Jahangir Bhabha In Hindi एवं उनकी जीवनी.

भरता में आणविक शक्ति के जन्मदाता का श्रेय इन्हें ही जाता है.

Dr Homi Jahangir Bhabha Biography In Hindi में उनके सभी महानतम कार्यों का जिक्र है.

डॉ. होमी जहाँगीर भाभा | About Dr Homi Jahangir Bhabha In Hindi

डॉ. होमी जहाँगीर भाभा का जन्म ३० अक्तूबर, १९०१ को बंबई में हुआ था। उनके पिता का नाम जे. एच. भाभा था। उनकी आरंभिक शिक्षा बंबई स्थित कैथेड्रल स्कूल में हुई। 

आगे की शिक्षा उन्होंने जॉन कानन स्कूल से प्राप्त की थी। बंबई में एलफिस्टन कॉलेज से उन्होंने एफ. ए. प्रथम वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण की। 

इनमें उनका स्थान प्रथम था। बंबई विश्वविद्यालय की इंटरमीडिएट की परीक्षा उन्होंने 'रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस' से उत्तीर्ण की। इसमें भी उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

उच्च शिक्षा के लिए वे इंग्लैंड चले गए। वहीं उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उसके बाद उन्होंने वहीं के केमर कॉलेज से भौतिक विज्ञान और गणित की शिक्षा प्राप्त की थी। 

सन् १९३४ में कैपटव से उन्होंने पी एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। उनके शोध का विषय था-'कॉस्मिक रेज', यानी अंतरिक्ष किरणे अथवा ब्रह्मांड किरणें ।

सन् १९४० में वे भारत लौट आए। भारत में उन्हें 'इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस' में अनुसंधान कार्य करने के लिए आमंत्रण दिया गया।

भारत में उन्होंने अपने कॉस्मिक किरणों के शोध कार्य को आगे बढ़ाया था। आगे चलकर उनका शोध-कार्य बहुत लोकप्रिय हुआ। 

उन्हें लंदन की रॉयल सोसाइटी ने अपना 'फेलो' (सदस्य) मनोनीत किया। सन् १९४२ में उन्हें 'एडम्स पुरस्कार' मिला था। 

'कॉस्मिक रेज' पर उन्हें 'हाफकिंस' पुरस्कार प्रदान किया गया था। सन् १९५१ में वे' भारतीय विज्ञान कांग्रेस के अध्यक्ष बने। 

सन् १९५४ में होमी जहाँगीर भाभा को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। डॉ. भाभा भारत में आणविक शक्ति के जन्मदाता बने। 

उन्होंने ही 'टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च' नामक संस्था की नींव डाली। यह संस्था बंबई में स्थित है। डॉ. होमी जहाँगीर भाभा इसके प्रथम निदेशक थे। 

भारत सरकार ने सन् १९४० में अणु शक्ति कमीशन' की नींव रखी। इसमें अणु-शक्ति के लिए अलग से एक विभाग बनाया गया था। 

डॉ. होमी जहाँगीर भाभा को उस विभाग का अध्यक्ष बनाया गया था। वे विभाग के सचिव भी रहे। २४ जनवरी, १९६६ को इटली में एक वायुयान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी।

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1 टिप्पणियाँ

  1. Very good creation bhai bohot achha kr rhe ho Bhai meri bhi maddat kr di yrr me bhi tumara hi bhai hu mere backink banane me maddat kr do
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